Munawwar Rana : “हमसे मोहबत करने वाले...

Manasvi Choudhary

मुन्नवर राणा

प्रसिद्ध शायर आणि कवी मुन्नवर राणा यांचं वयाच्या ७१ व्या वर्षी निधन झाले.

Munawwar Rana | Google

प्रसिद्ध शायर आणि कवी

मुन्नवर राणा हे प्रसिद्ध शायर आणि कवी होते.

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गझल

उर्दू, हिंदी आणि अवधी भाषांमध्ये त्यांनी अनेक गझल लिहिल्या आहेत.

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“किसी को घर मिला हिस्से में, किसी के हिस्से में दुकान आई, मैं घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से में मां आई…”

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“अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा, मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है!”

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“इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है”

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“जिस्म पर मिट्टी मलेंगे पाक हो जायेंगे हम एै ज़मीं एक दिन तेरी ख़ूराक हो जायेंगे हम”

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“हमसे मोहबत करने वाले रोते ही रह जाएंगे हम जो किसी दिन सोए ,तो सोते ही रह जाएंगे”

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“सरफिरे लोग हमें दुश्मन-ए-जाँ कहते हैं,हम जो इस मुल्क की मिट्टी को भी माँ कहते हैं !”

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