Motivational Shayari: ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो

Satish Kengar

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा

राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा

Faiz Ahmed Faiz | Google.com

अल्लामा इक़बाल

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले

ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है

Allama Iqbal | Google.com

मजरूह सुल्तानपुरी

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर

लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया

Majrooh Sultanpuri | Google.com

साहिर लुधियानवी

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन

उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

Sahir Ludhianvi | Google.com

जिगर मुरादाबादी

हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं

हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं

Jigar Moradabadi | Google.com

बशीर बद्र

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे

जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों

Bashir Badr | Google.com

राहत इंदौरी

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा

हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा

Rahat Indori | Google.com

निदा फ़ाज़ली

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो

ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो

Nida Fazli | Google.com

Next:  श्वेता तिवारीचं नेमकं वय किती आहे?

Shweta Tiwari | Instagram
येथे क्लिक करा